भारत विभिन्न ऋतुओं का देश है। शीत ऋतु भारत की मुख्य ऋतुओं में से एक ऋतु है। वर्षा ऋतु के बाद इसका आगमन होता है। यह ऋतु अपने साथ त्यौहारों की बहार लेकर आती है। दशहरा, दीपावली, करवाचौथ व क्रिसमिस इस ऋतु में आने वाले त्यौहार हैं।
यह ऋतु नवंबर से लेकर फरवरी के बीच तक रहती हैं। इस ऋतु के आगमन के साथ दिन बड़े व रातें छोटी होने लगती है। यह ऋतु गर्मी की तपन व वर्षा की चिपचिपाहट से बचाती है। इस ऋतु में धनिया, मेथी, पालक, मटर, गाजर, बैंगन, गोभी, मूली, सेब, अंगूर, अमरूद, संतरे इत्यादि सब्जियों व फलों की बहार आ जाती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह ऋतु उत्तम होती है क्योंकि इस ऋतु में पाचन शक्ति मजबूत होती है।
इस ऋतु के मध्य में पूरा भारत सर्दी के कारण ठिठूरने लगता है। लोगों के घरों में ऊनी कपड़े व रजाई निकल जाती हैं। धूप का असली मजा इसी ऋतु में ही लिया जा सकता है। सर्दी के कारण लोगों का घर से निकलना कठिन हो जाता है। सर्दी से गरम कपड़ों को पहनकर बचा जा सकता है परन्तु अत्यधिक ठंड कई लोगों की मृत्यु का कारण भी बन जाती है। इन सब के बावजूद भी सर्दी हमें प्रसन्नता से भर देती है। गर्म चाय के साथ रजाई में बैठकर इस ऋतु का आनंद लेने का अपना ही मजा है।
किसी ने सही ही लिखा है-
आयी सरदी, आयी सरदी ठिठुरन साथ में लायी सरदी
सब जग रूठा, घर में बैठा, ठिठुरन साथ में लायी सरदी।
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